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Monday, October 24, 2022

Diwali Poojan 2022 दिवाली पूजा का सही मुहूर्त, दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की आरती करें या नहीं?

Deepawali 2022 Pooja kab karen:  शुभ मुहूर्त इस वर्ष दीपावली का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा । 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि है। इसलिए इस साल 24 अक्टूबर को ही पूरे देश में दीपावली का पर्व मनाया जाएगा । इस साल गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाया जायेगा । क्योंकि दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है । इस साल भैया दूज 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा के ही दिन मनाया जाएगा । नीचे विभिन्न शुभ मुहूर्त की जानकारी दी जा रही है आप उसको देख सकते हैं । इस पोस्ट में विस्तृत जानकारी दी हुई है ।



दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की आरती करें या नहीं?

दिवाली के दिन गणेश जी सरस्वती जी सभी देव देवताओं की आरती करें लेकिन लक्ष्मी जी की आरती नही करें क्योंकि हम जब आरती करते है तो खड़े होते है और लक्ष्मी चंचल होती है और मां लक्ष्मी जी अगर खड़े हो गए तो कही जायेंगे तो हमे इस दिन यह जरूर ध्यान रखना है

दिवाली पूजा का सही मुहूर्त

प्रकाश का पर्व दीपावली इस वर्ष विक्रम संवत् 2079 कार्तिक वदी 14 पर्यन्त अमावस्या दिनांक 24-10-2022 सोमवार को मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में दिवाली सबसे बड़ा त्योहार होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार दीपावली प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर मनाई जाती है। दिवाली रोशनी का पर्व है। दिवाली पर मां लक्ष्मी का विशेष पूजा करने का विधान होता है। दिवाली में मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश, भगवान कुबेर और माता सरस्वती की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में किया जा सबसे शुभ माना गया है। प्रदोष काल का मतलब बाद के तीन मुहूर्त से होता है। इसके अलावा प्रदोष Join Join दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन करना सर्वोत्तम माना गया हा नीचे दीपावली पूजा करने हेतु चौघड़िया मुहूर्त की जानकारी दी जा रही है ।

सायं 5.58 से 8.32 बजे तक प्रदोष + गोधुलिक बेला

रोशनी का पर्व है। दिवाली पर मां लक्ष्मी का विशेष पूजा करने का विधान होता है। दिवाली में मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश, भगवान कुबेर और माता सरस्वती की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में किया जाना सबसे शुभ माना गया है। प्रदोष काल का मतलब सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त से होता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन करना सर्वोत्तम माना गया है। नीचे दीपावली पूजा करने हेतु चौघड़िया मुहूर्त की जानकारी दी जा रही है । प्रात: 4.00 से 6.00 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 6.30 से 8.00 बजे तक अमृत बेला

प्रातः 8.34 से 10.51 बजे तक वृश्चिक लग्न वेला • प्रातः 9.33 से 10.55 बजे तक शुभ वेला प्रातः 11.59 से 12.44 बजे तक अभिजीत बेला दोपहर 1.46 से 3.10 बजे तक चंचल वेला Join Telegram दोपहर 2.38 से 4.08 बजे तक कुम्भ लग्न दोपहर 3.10 से 5.58 बजे तक लाभ + अमृत वेला सायं 5.58 से 8.32 बजे तक प्रदोष + गोधुलिक बेला सायं 5.38 से 7.15 बजे तक मेष लग्न सायं 5.58 से 7.34 बजे तक चंचल वेला सायं 7.14 से 9.11 बजे तक वृषभ लग्न रात्रि 9.13 से 11.26 बजे तक मिथुन लग्न रात्रि 10.46 से 12.22 बजे तक लाभ वेला

इस साल का जो सूर्य ग्रहण पड़ रहा है, वह 25 अक्टूबर को होगा । सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लग जाएगा । सूर्य ग्रहण विशेष तौर पर कष्ट दाई माना जाता है । हालांकि, ये समय विशेष तौर पर पूजा तर्पण, पित्र कार्य, तंत्र कर्म के लिए सबसे फलदायी माना जाता है । विक्रम संवत् 2079 कार्तिक कार्तिक वदी अमावस्या दिनांक 25-10-2022 मंगलवार सायं 4.31 से प्रारम्भ, 5.00 बजे मध्य, 5.57 मोक्ष काल रहेगा। सूर्य ग्रहण का सूतक प्रात: 4.31 बजे से प्रारम्भ होगा।
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